Independence Day Essay in Hindi [2018]| आज़ादी का इतिहास
History Of Independence Day|आज़ादी का इतिहास
दोस्तों 15,Ausust को हम भारत बाशी उत्साह और सम्मान के साथ मानते है ,लेकिन क्या आपको पता है की इस के पीछे का कारन क्या है जो इतने दिनों से हम सब भारत वासी इस दिन को इतना मान सामान देते है। तो दोस्तों आइये हम इस के History के बारे में जानते है।
दोस्तों बात कुछ इस प्रकार है की 1947,August,15 ko हमारा देश भारत आज़ाद हुआ था अब आप सोंच रहे होंगे की ये आज़ादी का क्या मतलब है। तो हम आप को बताते है , आज के दिन हमारा देश ब्रिटिश शासन से मुक्त हुआ था। लेकिन इस आज़ादी को पाने के लिए हमारे देश पूर्वजो ने कई पीडियो तक लड़ाईया लड़ी। हम आप और आज की नयी जनरेसन तो इस का कल्पना भी नहीं कर सकती की उस समय कल में किस तरह की ज़िलत भरी जिंदगी जिनि पड़ती थी। सिर्फ सुनाने मात्र से ही डर लगता है।
देश कैसे गुलाम हुआ।
अँगरेज़ 17 वी सताबदी में हमारे देश में Busines करने के लिए आये थे लेकिन उनको हमारा देश इतना पसंद आया की उन्हों ने ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना की और यही बस गए। धीरे धीरे सरकारी कामो में भी हस्तछेप करने लगे ,और अपनी सैन्य ताकत बढ़ाने लगे तथा अधिकांश राज्यों पे अपना कब्ज़ा कर लिए व् लोगो को अपनी गुलामी करने पे मजबूर कर दिया।
हम आप को बता दे की उस समय हमारा देश बिभिन्न छोटे छोटे राज्यों में बता हुआ था,और राज्य के राजाओ में प्रायः मतभेद हुआ करते थे। जिस का फायदा अंग्रेजो ने खूब उठाया। ओह अपनी पालिसी {divide & Rule अर्थात फुट डालो और राज करो } निति पे काम करते थे,वे बड़ी ही आसानी से राजाओ को आपस में लड़ाके अपना काम निकला करते थे ार अंत में परिणाम ये हुआ की देखते ही देखते अधिकतर राज्यों पे कब्ज़ा कर लिया। िश प्रकार से हमारा देश अंग्रेजी शासन के अधीन हो गया।
कैसे मिली आज़ादी।
अंग्रेजो ने लगभग 200 सालो तक हमें गुलाम बना के रखा ,आज़ादी की लड़ाई तो बहुत पहले से ही सुरु हो गई थी लेकिन सं 1857 ई जो की मेरठ की क्रांति के रूप में जानते है की महत्वपूर्ण भूमिका मना जाता है ,जिसमे अंग्रेजो के फौज के भारतीय सिपाहियों में बिद्रोह पैदा हो गया था। जिसमे मंगल पांडेय का नाम इस क्रांति के जान नायक के रूप में सम्मान से जानते है। इस क्रांति ने ब्रिटिश शासन की नीव को हिला के रख दिया ,लोगो में एक नया जोस भर दिया और एक उम्मीद की किरण दिखने लगी।
महत्वपूर्ण लोग और उनकी भूमिका।
वैसे तो आज़ादी की लड़ाई में पुरे देश का सहभागिता व् सहयोग रहा लेकिन कुछ महत्वपूर्ण लोग जिनको हम आज़ादी के लड़ाई के जान नायक के रूप में जानते है। गरम दल और नरम दल दो तरह के Leader हुआ करते थे।
नरम दल /गरम दल
नरम दल के समाज का नेतृत्व महात्मा गाँधी जी करते थे , उनका मानना था की अहिंसात्मक ढंग से ही आज़ादी की लड़ाई लड़ी जनि चाहिए। जिनके समर्थको में नेहरू ,पटेल,अदि नेता थे।
इस दल के समाज का मन्ना था की जय से को तैसे वाले इट का जबाब पत्थर से देना चाहिए। जिसमे चंदशेखर आज़ाद ,बिस्मिल ,सुखसदेव ,भगत सिंह मंगल पांडेय आदि नाम आते है।
स्वतंत्रता और बटवारा
अनेक बलिदानो के बाद फाइनली वह दिन भी आज्ञा जब देश आज़ाद हो गया ,१५,अगस्त १९४७ लेकिन यह स्वतंत्रता बटवारे के दर्द के साथ आई जिसमे देश को दो हिसो में Divide कर दिया गया एक दिन पहले १४,अगस्त को पाकिस्तान को स्वतंत्र राष्ट्र बनाया गया जिसके पहले गवर्नल जनरल बने मुहमद अली जिन्ना।
इस बटवारे के कारन से सीमावर्ती इलाको जैसे पंजाब में जहा दो हिसो में लोग बट गए किसी का तो घर हिंदुस्तान में और केट पाकिस्तान में चला गया। लाखो लोग बेघर हो गए ,करीब 10 लाख से ज्यादा लोग इस बटवार के कारन से मारे गए थे।
,हिन्दू मुस्लिम ,सिख में दंगे भड़क गए।
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