बच्चो एक समय की बात है बादलपुर नामक गॉव में एक लालची कुत्ता रहता था , वह इतना लालची था की कोई अगर आते जाते कुछ खाने को देता तो अकेले ही चाट कर जाता था , जिससे बाकी के कुत्तो से उसकी नहीं बनती थी। वह हर वक्त बस खाने के तलाश में ही इधर उधर घूमता रहता था।
एक दिन उसे घूमते घूमते रस्ते में कही से एक हड्डी का टुकड़ा मिलता है , जिसे पाकर वह बहुत खुस होता है।
हड्डी का टुकड़ा ले कर वह तेजी से जंगल की तरफ भागता है , ताकि वह जाकर वह इसका अकेले ही मजा ले सके।
भागते भागते वह एक नदी के पास पहुँचता है , नदी के शांत पानी में वह अपने आपको देखता है , उसे लगता है की कोई दूसरा कुत्ता भी वह है जिसके पास भी एक हड्डी का वैसा ही टुकड़ा है। वह अपने लालची आदत के कारन सोचता है की पहले दूसरे कुत्ते की हड्डी छीन कर कहते है फिर अपना तो कभी भी खा लेंगे।
इस प्रकार जैसे ही वह पानी में छलांग लगता है , उसके मुँह में दबा हड्डी का टुकड़ा पानी में गिर जाता है , इस प्रकार
से उसे अपनी गलती का एहसास होता है और उसे उसकी लालची स्वभाव के वजह से सजा मिलता है।
Moral of the Story- बच्चो इस कहानी से हमें ये शिक्षा मिलता है की लालच का फल हमेशा बुरा होता है ,इस लिए हमें लालच नहीं करना चाहिए।
धन्यबाद !
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