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Tuesday, January 23, 2024

रामसेतु का इतिहास: जानिए इसे किसने तोड़ा | The history of ram setu

रामसेतु, Ram setu: जिसे अंग्रेजी में "Adam's Bridge" भी कहा जाता है, भारतीय महापुराण रामायण और इतिहास में इसका महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। ऐसी मान्यता है की इसे हनुमान जी ने बनाया था, जब प्रभु श्रीराम लंका पर चढ़ाई करने के लिए जा रहे थे।

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राम-सेतु


ऐसी मान्यता है की हनुमान जी ने वानर "नल और नील" के सहयोग से बड़ी बड़ी पत्थरों का सेतु बनाया ताकि श्रीराम और उनकी सेना लंका तक पहुँच सकें। यह सेतु भारतीय सागर हिंद महासागर को भी पार करती है, और यह लगभग 7000 हजार वर्षों से भारतीय धार्मिक और सांस्कृतिक तथा ऐतिहासिक परंपराओं में महत्वपूर्ण स्थान रखती है।


रामसेतु का अर्थ क्या है? Ramsetu ka arth kya hai?

रामसेतु (Ramsetu) का अर्थ है "राम का सेतु" जो राम और सीता के प्यार और धर्म के प्रति भक्ति का प्रतीक है। यह स्थल हिन्दू धर्म में महत्त्वपूर्ण है और वहां कई मंदिर भी बने हैं जो राम-सीता के पूजन के लिए लोगों को काफी आकर्षित करते हैं। 


रामसेतु कहां स्थित है? Ramsetu kahan sthit hai?

रामसेतु भारत के तमिलनाडु राज्य और श्रीलंका के बीच स्थित है। इसे हिंद महासगर (Indian Ocean) के एक हिस्से में, रामेश्वरम द्वीप पर्वतीय क्षेत्र में स्थित माना जाता है। "रामसेतु" को भगवान श्री राम द्वारा बनाया गया था, जिसने लंका पर चढ़ाई के लिए इसका उपयोग किया था, जैसा कि हिन्दू धर्म के एक पवित्र महाकाव्य, रामायण, में वर्णित है।


राम सेतु किसने तोड़ा? Ramsetu ko kisne toda?

ऐसी मान्यता है की राम सेतु (Ram setu ka Itihas) प्रभु श्रीराम ने विभीषण के कहने पर पुनः नष्ट कर दिया था, ताकि इसका इस्तेमाल कोई दुबारा न कर सके।


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