होली-Holi हुड़दंग और रंगो का त्यौहार है , इस दिन को लोग बहुत ही उत्त्साह के साथ मानते हैं , सबसे खास बात ये है की होली में लोग खाने खिलाने का शौख़ ज्यादा रखते है , लोग तरह-तरह के ब्यंजन और पकवान आज के दिन बनाते है साथ ही नॉनवेज भी काफी पसंद किया जाता है।
होली में मटन और चिकेन की खपत बढ़ जाती है , जिस वजह से मीट सप्लायर धोखा धड़ी काफी करते हैं। मुर्गे के मीट में तो ज्यादा कुछ नहीं देखने की जरुरत है मुर्गे में दो तरह के होते है एक देसी और दूसरा बॉयलर।
बकरे के मीट में खस्सी का मीट अच्छा माना जाता है लेकिन होली के दिन ज्यादा खपत होने के कारण से दुकानदार बूढी बकरी भी काट कर बकरा या खस्सी कह कर बेच देते हैं, जो की पकने में ज्यादा समय लगता है और स्वाद में भी अच्छा नहीं होता है।
कैसे पहचाने खस्सी बकरे का मीट ?
बकरा काटने से पहले तो आसानी से पहचाना जा सकता है लेकिन मटन शॉप पर पहले से टंगे हुए मांस को पहचाने के लिए जानकारों के मुताबिक अगर सफ़ेद कलर की एक से ज्यादा धारिया है तो उस मटन को न ले वह बूढी बकरी का हो सकता है। बकरे की कलेजी बकरी के तुलना में थोड़ी हार्ड और स्वाद में थोड़ा कम होती है खाने में।
Happy Holi.....
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