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Sunday, October 18, 2020

10-Facts That Nobody Told You About Navratri

 10-Facts That Nobody Told You About Navratri | नवरात्रि के बारे में दस ऐसे तथ्य जो आपको कोई नहीं बताएगा।


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नवरात्रि का इतिहास हमारे भारत में एक पवित्र त्योहारों में से एक है। इस साल यह 3-अक्टूबर-2024, दिन बृहस्पतिवार को शुरू हुआ है, और 11-अक्टूबर,2024 शुक्रवार को समाप्त होगा। 12 अक्टूबर दिन शनिवार को दशहरा मनाया जायेगा। कोई अपने सबसे अच्छे पोशाक में तैयार होगा। जो लोग अपनी मातृभूमि से दूर रहते हैं वे घर वापस आ जाते हैं जबकि जो वापस नहीं आ पाते वे वही पर मानते हैं। कई तो पूरे नौ दिन उपवास करते। कई लोग सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेंगे। संक्षेप में, यह फिर से और प्रिय लोगों के साथ मस्ती, उत्साह, भोजन और यादों का समय होगा। इससे पहले, आप सभी उत्सव की विधि में डुबकी लगाते हैं, नवरात्रि के बारे में कुछ रोचक तथ्य जानते हैं और उत्सव की उत्साह दोगुना करते हैं।


१- "नवरात्रि" शब्द का संधि विच्छेद है नव +रात्रि - अर्थात "नव" का अर्थ है नौ (9) और "रात्रि" का अर्थ है "रात"। इस त्योहार का उत्सव 9 रातों तक फैला रहता है और इस प्रकार नवरात्रि नाम दिया गया है।


२- नवरात्रि का प्रत्येक दिन देवी दुर्गा के एक अवतार के रूप में जाना जाता है। इन 9 दिनों के लिए, लोग देवी के 9 अलग-अलग अवतारों की पूजा करते हैं। लोगों का मानना है कि इन 9 देवी-देवताओं में से प्रत्येक के पास अपार शक्ति है और वे सभी मिलकर मां दुर्गा का निर्माण करते हैं।


३- नवरात्रि  साल में पांच बार आती है, और 9 दिनों का उत्सव मनाया जाता है। नवरात्रि के महीने इस प्रकार से है: मार्च / अप्रैल, जून / जुलाई, सितंबर / अक्टूबर, दिसंबर / जनवरी, और जनवरी / फरवरी। किन्तु सितंबर / अक्टूबर के दौरान आयोजित शरद नवरात्रि सबसे लोकप्रिय रूप से मानाया जाता है।


४- नवरात्रि के ठीक अगले दिन दशहरा होता है। इसके पीछे भी एक अलग तरह का इतिहास है। कहा जाता है की भगवान श्री राम ने इसी दिन श्रीलंका में राक्षस राजा रावण का बढ़ किया था। उस जीत का उत्सव के रूप में  लोग रावण के बड़े पुतले बनाते हैं और उन्हें जलाते हैं। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।


५- दशहरा उत्सव के ठीक 20 दिनो के बाद एक और बड़ा त्योहार आता है -जिसे  "दिवाली" कहते है । इस दिन, भगवान श्री राम अपनी पत्नी माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ 14 सालो का बनवास के उपरांत अपनी मातृभूमि अयोध्या लौट आए थे जिसकी ख़ुशी जाहिर करने के लिए अयोध्या बासी दीपक जलाये थे तभी से इस पर्व को दीपावली अथवा दिवाली के रूप में मानते है।


६- लोग नवरात्रि के माध्यम से शक्ति या शक्ति के विभिन्न रूपों में माँ दुर्गा की पूजा करते हैं। जो इस प्रकार है :
शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि,महागौरी, सिद्धिदात्री। 


७- हमारी पौराणिक कथाओं के अनुसार, महिषासुर नामक एक असुर राजा था जो की आधा भैंसा और आधा आदमी था। उसने भगवान ब्रह्मा जी की बड़ी भक्ति के साथ पूजा की और उनके समर्पण को देखकर भगवान बहुत खुश हुए और इस प्रकार उसे  बर स्वरूप कुछ मांगने के लिए कहते है। इसलिए, महिषासुर ने भगवान ब्रह्मा को अमरता प्रदान करने के लिए कहा। तथास्तु ! भगवान ब्रह्मा ने कहा कि कोई भी आदमी अब तुम्हे नहीं मार सकता। इस प्रकार से  महिषासुर पुरे पृथ्वी लोक में सबसे शक्तिशाली आदमी बन गया था, और वह पृथ्वी और स्वर्ग दोनों पर शासन करना चाहता था और जल्द ही देवताओं के साथ लड़ाई शुरू कर दी। जब महिषासुर का अत्याचार असहनीय हो गया, तो सभी देवताओं ने महिषासुर को मारने के लिए देवी दुर्गा को बनाने का फैसला किया। भगवान ब्रह्मा का वरदान था “कोई मनुष्य कभी महिषासुर का वध नहीं कर सकता”। खैर, इसका मतलब है कि एक शक्तिशाली महिला उसे मार सकती है। इस प्रकार, देवी दुर्गा सभी देवताओं की सर्वोच्च शक्तियों के साथ अस्तित्व में आईं। और महिषा-सुर का बढ़ करती है। इस प्रकार से अच्छे पर बुराई जीत जाती है। 


८- एक और मान्यता के अनुसार, महिषासुर देवी दुर्गा से शादी करना चाहता था। देवी दुर्गा ने प्रस्ताव को अस्वीकार करते हुए कहा की  वह महिषासुर से तभी शादी करेगी जब वह उन्हें अर्थात दुर्गा जी को  युद्ध में हराएगा। यह वह लड़ाई है जो 9 दिनों तक चलती रही और इसके अंत में देवी दुर्गा ने महिषासुर का वध किया। इस तरह से ९ रात्रि को मनाया जाने लगा। 


९- दक्षिण भारत में प्रचलित एक अन्य पौराणिक कथा के अनुसार, महिषासुर की बहन - महिशी ने अपने भाई की मृत्यु के बाद भी यह लड़ाई जारी रखी थी।


१०- भारत के उत्तरी-पूर्वी भाग में एक मान्यता यह भी है कि राजा दक्ष की पुत्री उमा अर्थात पार्वती जिन्होंने भगवान शिव से विवाह किया था, और कैलास पर्वत पर गई थीं जो हर साल नवरात्रि के दौरान इस धरती या माता-पिता के घर आती हैं। वह अपने चार बच्चों- लक्ष्मी, सरस्वती, कार्तिक और गणेश के साथ आती है। उनके दो सबसे अच्छे दोस्त या जया और बिजया के रूप में जानी जाने वाली साखियां भी उनके साथ आती हैं। इसीलिए नवरात्रि को सभी विवाहित महिलाओं के लिए घर वापसी के रूप में भी दर्शाया जाता है।


आशा करते है की आपको नवरात्रि के बारे में ये रोचक तथ्य पढ़ना बहुत पसंद आया होगा। तो, अब आप इस जानकारी को अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ भी साझा (Share) कर सकते हैं, और इस प्रकार अपने साथ-साथ उनका ज्ञान भी बढा सकते हैं! Whish you All a very Happy Navratri!!


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